उम्मीदें और चुनौतियां

जम्मू-कश्मीर अब पुराने दौर से निकल चुका है। जो नया दौर है वह उज्ज्वल भविष्य की उम्मीदों के साथ बड़ी चुनौतियां भी लिए हुए है। चुनैतियां केन्द्र सरकार के लिए ज्यादा है। प्रधानमंत्री ने जो ऐलान किये हैं उनमें विकास और रोजगार पर जोर है, ताकि नौजवानों को भटकने से बचाया जा सके। जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 से लगभग मुक्त कर दिये जाने के बाद गुरुवार को प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम संदेश में भविष्य का जो खाका पेश किया और विकास के लिए जिन कार्य योजनाओं का जिक्र किया, वे इस बात की ओर इशारा करती है कि जम्मू-कश्मीर का भविष्य अब उज्ज्वल है। प्रधानमंत्री के संबोधन में इस बात का भरोसा साफ झलकता है कि कश्मीरियों के साथ भेदभाव के दिन अब लद चुके हैं और उन्हें । अब उन्हें सारे कष्टों और पीड़ा से मुक्ति मिलेगी जो दशकों से अनुच्छेद 370 के कारण उन्हें झेलने पड़े हैं। जाहिर है, केन्द्र सरकार का सारा जोर अब कश्मीर घाटी में हालत सामान्य बनाने और उसके विकास पर होगा। इसके लिए सबसे जरूरी है स्थानीय लोगों के दिल को जीतना और कश्मीरियों का दिल तभी जीता जा सकेगा जब सरकार की नीतियों के प्रति उनमें भरोसा पैदा होगा, वे राज्य में विकास होता देखेंगे, नौजवानों को रोजगार और बच्चों को शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिलने लगेगा। अगर केन्द्र सरकार कश्मीरियों के लिए इन कसौटियों पर खरी उतरती है तो निश्चित रूप से लोगों का दिल जीत पाना कोई मुश्किल काम नहीं है। इसमें कोई शक नहीं है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करना एक कठिन और जोखिम भरा फैसला था। आज कश्मीर जिस हालत अब सपनों वो गुजरात मंत्री अमित जिस कार्य लगते हैं15 जश्न के हैं। लेकिन में 5 अगस्त के रूप कि भारत और गृह भावना की भूल चभ रही करने का यह फैसला