नेताजी के हाथ में BJP का झंडा, खफा हुए चंद्र बोस, CAA पर छोड़ सकते हैं पार्टी

पश्चिम बंगाल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के हाथ में भारतीय जनता पार्टी का झंडा दिखने के बाद विवाद खड़ा हो गया है. बीजेपी नेता और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परपोते चंद्र कुमार बोस ने इस पर नाराजगी जाहिर की और नागरिकता कानून पर अपनी ही पार्टी के रुख पर सवाल खड़ा करते हुए इशारे इशारे में BJP से बाहर होने की धमकी भी दी है.


नागरिकता संशोधन कानून को लेकर अपनी पार्टी (बीजेपी) के रुख की आलोचना करते हुए चंद्र बोस ने कहा कि बीजेपी ने सीएए में बदलाव नहीं किया तो उन्हें भाजपा में बने रहने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है


नेताजी के हाथ में बीजेपी के झंडे वाली तस्वीर पश्चिम बंगाल के नादिया जिले की है. अब इसे पूरे बंगाल में तेजी से शेयर किया जा रहा है.


बंगाल बीजेपी के उपाध्यक्ष चंद्र बोस ने कहा, 'नेताजी सुभाष चंद्र बोस निश्चित रूप से एक राजनीतिक व्यक्ति थे, लेकिन वे दलगत राजनीति से बहुत ऊपर थे. मुझे नहीं लगता कि वर्तमान में कोई भी राजनीतिक दल नेताजी के साथ खुद को जोड़ने के योग्य या लायक है.'


'नेताजी की मूर्ति पर पार्टी का झंडा लगाना बेहद अनुचित'


चंद्र बोस ने अपनी ही पार्टी बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, 'उनकी मूर्ति पर पार्टी का झंडा लगाना बेहद अनुचित है और मैं इसकी निंदा करता हूं. मुझे लगता है कि राज्य के पार्टी अध्यक्ष दिलीप घोष को तुरंत इस मामले को देखना चाहिए.'


हाल ही में सुभाष चंद्र बोस के परपोते चंद्र बोस ने नागरिकता अधिनियम (सीएए) के साथ उपजे 'भय के माहौल' पर भी चिंता जताई थी. चन्द्र बोस ने अपनी पार्टी की केंद्र सरकार से संशोधित नागरिकता कानून के तहत मुसलमानों को भी नागरिकता देने के लिए आग्रह किया था.